एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर (AME): एक प्रतिष्ठित करियर विकल्प

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भारत जैसे तेजी से विकसित होते देश में एविएशन इंडस्ट्री का विस्तार दिन-प्रतिदिन हो रहा है। हवाई यात्रा अब केवल विशेष वर्ग तक सीमित नहीं रही, बल्कि सामान्य नागरिकों के लिए भी एक सुविधाजनक विकल्प बन चुकी है। ऐसे में, एयरक्राफ्ट की संख्या बढ़ने के साथ-साथ उनकी देखरेख और मेंटेनेंस की आवश्यकता भी बढ़ गई है। यही कारण है कि एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर (AME) का करियर युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर बनकर उभरा है।

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि AME कौन होता है, इस कोर्स की योग्यता, फीस, सिलेबस, करियर स्कोप, सैलरी और इससे जुड़े अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।


एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर (AME) कौन होता है?

एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर (AME) एक ऐसा प्रोफेशनल होता है जो विमान की तकनीकी जांच, मरम्मत और मेंटेनेंस का कार्य करता है। उनकी ज़िम्मेदारी होती है यह सुनिश्चित करना कि विमान उड़ान के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। यदि किसी विमान में कोई तकनीकी खराबी आती है, तो उसे उड़ान भरने की अनुमति नहीं मिलती — और यह निर्णय AME ही लेते हैं।

यानी कह सकते हैं कि एक AME यात्रियों की सुरक्षा की पहली दीवार होता है।


AME कोर्स की अवधि

एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग एक 2 साल का अकादमिक कोर्स होता है, जिसके बाद छात्रों को लगभग 2 साल की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग करनी होती है किसी एयरलाइन, MRO (Maintenance, Repair, Overhaul) या एविएशन कंपनी में। कुल मिलाकर यह एक 4 वर्षीय प्रक्रिया है।


योग्यता (Eligibility)

AME कोर्स में एडमिशन लेने के लिए निम्नलिखित योग्यता आवश्यक होती है:

  • उम्मीदवार 12वीं पास होना चाहिए (Physics, Chemistry, Mathematics के साथ)

  • न्यूनतम 45%-50% अंकों के साथ पास होना चाहिए (संस्थान अनुसार भिन्न हो सकता है)

  • आयु 16 से 28 वर्ष के बीच होनी चाहिए


प्रवेश प्रक्रिया (Admission Process)

भारत में कई DGCA (Directorate General of Civil Aviation) से मान्यता प्राप्त संस्थान AME कोर्स कराते हैं। कुछ संस्थान एंट्रेंस एग्जाम के माध्यम से एडमिशन देते हैं जैसे:

  • AME CET (Common Entrance Test)

  • संस्थान स्तर पर आयोजित एंट्रेंस टेस्ट

AME CET के ज़रिए आपको टॉप संस्थानों में स्कॉलरशिप सहित एडमिशन मिल सकता है।


AME कोर्स के प्रकार

DGCA द्वारा दो मुख्य प्रकार के AME कोर्स को मान्यता दी गई है:

1. Category A (Line Maintenance Engineer)

  • छोटे-छोटे टेक्निकल कामों को करने की अनुमति होती है।

  • कोर्स अवधि: 2 वर्ष

  • कम समय में नौकरी मिलने की संभावना

2. Category B (Base Maintenance Engineer)

  • ज्यादा टेक्निकल और गहरी जांच करने की अनुमति होती है।

  • कोर्स अवधि: 4 वर्ष (2 साल पढ़ाई + 2 साल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग)


पाठ्यक्रम (Syllabus)

AME कोर्स का सिलेबस DGCA द्वारा निर्धारित किया गया होता है। इसमें मुख्य विषय होते हैं:

  • एविएशन रूल्स एंड रेगुलेशंस

  • एयरक्राफ्ट इंस्ट्रूमेंटेशन

  • एरोडायनामिक्स

  • एयरक्राफ्ट सिस्टम्स

  • एविएशन मैटेरियल्स

  • ट्रबलशूटिंग और रिपेयर टेक्नीक्स

  • इलेक्ट्रीकल सिस्टम, हाइड्रोलिक्स, प्रोपल्शन, और बहुत कुछ

साथ ही, छात्रों को एयरक्राफ्ट पार्ट्स और उपकरणों की लाइव ट्रेनिंग भी दी जाती है।


एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर की भूमिका (Roles and Responsibilities)

  • विमान की समय-समय पर जांच करना

  • मरम्मत और आवश्यक बदलाव करना

  • फ्लाइट से पहले टेक्निकल क्लियरेंस देना

  • DGCA मानकों का पालन करना

  • रिकॉर्ड्स मेंटेन करना

  • आपातकालीन स्थितियों में सही निर्णय लेना

यानी, एक AME विमान के हर टेक्निकल हिस्से की जिम्मेदारी संभालता है।


नौकरी के अवसर (Career Scope)

एविएशन इंडस्ट्री में AME की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। DGCA के नियमों के अनुसार, कोई भी विमान तब तक उड़ान नहीं भर सकता जब तक उसे AME द्वारा प्रमाणित न किया जाए।

AME कोर्स करने के बाद नौकरी के अवसर निम्नलिखित क्षेत्रों में मिल सकते हैं:

  • कमर्शियल एयरलाइंस (IndiGo, SpiceJet, Air India, आदि)

  • प्राइवेट चार्टर कंपनियां

  • MRO कंपनियां (GMR Aero Technic, Air Works, आदि)

  • डिफेंस सेक्टर (IAF, Navy, आदि)

  • एविएशन ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट्स में फैकल्टी

  • हेलीकॉप्टर कंपनियां

  • एविएशन मैनेजमेंट और ऑडिटिंग कंपनियां


विदेशों में अवसर

भारत के अलावा विदेशों में भी AME की काफी मांग है। यदि आपके पास DGCA या EASA (European Union Aviation Safety Agency) का लाइसेंस है, तो आप दुबई, कनाडा, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी उच्च वेतन के साथ काम कर सकते हैं।


सैलरी (Salary)

  • ट्रेनिंग के दौरान: ₹15,000 – ₹25,000/माह

  • प्रारंभिक स्तर पर: ₹30,000 – ₹60,000/माह

  • अनुभवी AME: ₹1 लाख – ₹3 लाख/माह तक

विदेशों में यह सैलरी कई गुना अधिक हो सकती है।


AME लाइसेंस कैसे प्राप्त करें?

लाइसेंस प्राप्त करने के लिए DGCA द्वारा आयोजित परीक्षा और निर्धारित अनुभव को पूरा करना होता है। परीक्षा तीन चरणों में होती है:

  1. Written Exam

  2. Oral/Interview

  3. Practical Assessment

इन परीक्षाओं में पास होने के बाद DGCA आपको AME लाइसेंस प्रदान करता है, जो विमान मेंटेनेंस का कानूनी प्रमाण होता है।


AME बनना क्यों है एक बेहतर करियर विकल्प?

  • तेजी से बढ़ती एविएशन इंडस्ट्री

  • उच्च वेतनमान और जॉब सिक्योरिटी

  • सम्मानजनक पेशा

  • भारत और विदेशों दोनों में अवसर

  • तकनीकी ज्ञान और स्किल्स का विकास

  • DGCA द्वारा विनियमित और प्रमाणित कोर्स


निष्कर्ष (Conclusion)

यदि आप एक तकनीकी और चुनौतीपूर्ण करियर की तलाश में हैं जो न केवल भविष्य में स्थायित्व दे बल्कि आपको एक प्रतिष्ठित जीवनशैली भी प्रदान करे, तो एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर बनना एक आदर्श विकल्प हो सकता है। AME के पास एक जिम्मेदार पद होता है, जिसमें यात्रियों की सुरक्षा से जुड़ी हर तकनीकी प्रक्रिया उनके कंधों पर होती है। इस प्रोफेशन में न केवल जॉब का स्कोप बड़ा है, बल्कि सम्मान और आर्थिक सुरक्षा भी भरपूर है।

तो यदि आपकी रूचि एविएशन और टेक्नोलॉजी में है, तो देर न करें — AME कोर्स में एडमिशन लें और एक उड़ान भरें एक सफल करियर की ओर।


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